Swami Vivekananda Quotes in Hindi



जन्म - 12 जनवरी 1863, कलकत्ता(January 12, 1863 , Calcutta)
मृत्यु - 4 जुलाई 1902 (July 4, 1902 , Belur Math near Kolkata)
पिता - विश्वनाथ दत
माता - भुवनेश्वरी देवी
गुरु -  रामकृष्ण परमहंस
महान प्रेरणादायक कथन -  उठो जागो और तब तक न रुको जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए (Arise, awake and stop not till the goal is reached.)


स्वामी विवेकानंद  के अनमोल विचार
  1. दिमाग की  शक्तियां  सूर्य  की  किरणों  के  समान  हैं। जब  वो  एक जगह आकर अपनी सारी शक्ति को लगाती है। चमक  उठती  हैं                                     Swami Vivekananda
(The powers of the mind are like the rays of the sun when they are concentrated they illumine.)

  1. तुम जैसा सोचते जाओगे वैसे ही होते जाओगे। अगर तुम सोचते हो की मैं कमजोर हू तो तुम कमजोर होते जाओगे और अगर तुम सोचते हो कि मैं मैं बलवान हू तो तुम बलवान हो जाओगे।                                                                    Swami Vivekananda
(Whatever you think that you will be.If you think yourself weak,weak you will be; if you think yourself strong,you will be.) 

  1. तुम जो भी दे सको तुम उसे दे दो कुछ भी मत पुछो, कुछ भी मत सोचो यह वापस मिल जाएगा लेकिन इसके बदले कुछ पाने कि अब मत सोचो।                         Swami Vivekananda
(Ask nothing; want nothing in return. Give what you have to give; it will come back to you, but do not think of that now.)

  1. कोई भी काम करो एक साथ एक ही करो और उसे अंजाम देने के लिया उसमे अपनी आत्मा को डालदो सबकुछ भूलकर।                                                      Swami Vivekananda
(Do one thing at a Time, and while doing it put your whole Soul into it to the exclusion of all else.)

  1. कोई भी चीज कमजोर बनाये तो उसे जहर की तरह त्याग दो जैसे - शारीरिक , बौद्धिक  और  आध्यात्मिक                                                             Swami Vivekananda
(Anything that makes weak – physically, intellectually and spiritually, reject it as poison.)

  1. जब तक जीना, तब तक सीखना' -- अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।           Swami Vivekananda
  2. पवित्रता, दृढता तथा उद्यम- ये तीनों गुण मैं एक साथ चाहता हूँ।                        Swami Vivekananda

  1. यदि कोई तुम्हारे समीप अन्य किसी साथी की निन्दा करना चाहे, तो तुम उस ओर बिल्कुल ध्यान न दो। इन बातों को सुनना भी महान् पाप है, उससे भविष्य में विवाद का सूत्रपात होगा।                                                                    Swami Vivekananda

  1. अकेले रहो, अकेले रहो। जो अकेला रहता है, उसका किसीसे विरोध नहीं होता, वह किसीकी शान्ति भंग नहीं करता, न दूसरा कोई उसकी शान्ति भंग करता है।                     Swami Vivekananda

  1. ज्ञान स्वयमेव वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है।                  Swami Vivekananda

  1. हमारी नैतिक प्रकृति जितनी उन्नत होती है, उतना ही उच्च हमारा प्रत्यक्ष अनुभव होता है, और उतनी ही हमारी इच्छा शक्ति अधिक बलवती होती है।                            Swami Vivekananda

  1. लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्मी तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहान्त आज हो या एक युग मे, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो।                             Swami Vivekananda
 
  1. जिस तरह हो, इसके लिए हमें चाहे जितना कष्ट उठाना पडे- चाहे कितना ही त्याग करना पडे यह भाव (भयानक ईर्ष्या) हमारे भीतर न घुसने पाये- हम दस ही क्यों न हों- दो क्यों न रहें- परवाह नहीं परन्तु जितने हों सम्पूर्ण शुध्दचरित्र हों।                              Swami Vivekananda

  1. जो मनुष्य इसी जन्म में मुक्ति प्राप्त करना चाहता है, उसे एक ही जन्म में हजारों वर्ष का काम करना पड़ेगा। वह जिस युग में जन्मा है, उससे उसे बहुत आगे जाना पड़ेगा, किन्तु साधारण लोग किसी तरह रेंगते-रेंगते ही आगे बढ़ सकते हैं।                         Swami Vivekananda

  1. पहले स्वयं संपूर्ण मुक्तावस्था प्राप्त कर लो, उसके बाद इच्छा करने पर फिर अपने को सीमाबद्ध कर सकते हो। प्रत्येक कार्य में अपनी समस्त शक्ति का प्रयोग करो।            Swami Vivekananda

  1. तुम अपनी अंत:स्थ आत्मा को छोड़ किसी और के सामने सिर मत झुकाओ। जब तक तुम यह अनुभव नहीं करते कि तुम स्वयं देवों के देव हो, तब तक तुम मुक्त नहीं हो सकते।    Swami Vivekananda

  1. किसी की निंदा ना करें। अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं.अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये. ।                                                      Swami Vivekananda

  1. आज हम जो भी उसे हमारी सोच न बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं. शब्द गौण हैं। विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।                   Swami Vivekananda

  1. एकता ही सभी चीजों का रहस्य है इस दुनिया में सभी भेद-भाव किसी स्तर के हैं, ना कि प्रकार के ।                                                                  Swami Vivekananda

  1. दिल  और  दिमाग  के  टकराव  में  दिल  की  सुनो।                              Swami Vivekananda


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1 comments:

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Unknown
admin
January 9, 2014 at 7:11 PM ×

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